Bihar Election 2025 से पहले Bihar Burqa Row पर राजनीतिक घमासान। आयोग ने बुर्काधारी मतदाताओं की पहचान हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई।
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Bihar Burqa Row - बिहार चुनाव 2025 से पहले बुर्के पर मचा बवाल
Bihar Burqa Row: बुर्के में महिला है या पुरुष? आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर्दे वाली मतदाताओं की करेंगी पहचान
Bihar Election 2025 से पहले Bihar Burqa Row को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की है कि इस बार मतदान केंद्रों पर Anganwadi workers election duty के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विशेष भूमिका निभाएंगी। वे बुर्का या पर्दा पहनने वाली महिला मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने में मदद करेंगी ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित बनी रहे।
चुनाव आयोग की नई पहल: बुर्काधारी महिलाओं की पहचान होगी गरिमापूर्ण तरीके से
Election Commission Bihar burqa rule के अनुसार, बुर्का या घूंघट पहनकर आने वाली महिलाओं की पहचान महिला मतदान अधिकारियों या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में ही की जाएगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में मतदाता की गोपनीयता और सम्मान दोनों सुरक्षित रहेंगे। चुनाव आयोग ने बताया कि यह कदम महिला मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान: सख्ती से होंगे नियमों का पालन
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तैनात रहेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदान केंद्रों के अंदर पहचान सत्यापन की प्रक्रिया Election Commission Bihar burqa rule के तहत की जाएगी और नियमों का सख्ती से पालन होगा। उन्होंने कहा, “हमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हर बूथ पर मौजूद रहेंगी ताकि बुर्काधारी महिला मतदाताओं की पहचान सही और सम्मानजनक तरीके से हो सके।”
90 हजार से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चुनाव ड्यूटी पर होंगी तैनात
चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि Bihar Election 2025 के लिए करीब 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाओं को तैनात किया जाएगा। ये महिलाएं मतदान केंद्रों पर महिला मतदाताओं की पहचान की पुष्टि करने में अहम भूमिका निभाएंगी। यह कदम चुनाव प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है।
BJP और RJD के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी तेज
इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों में भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। BJP नेता दिलीप जायसवाल ने आयोग से आग्रह किया कि बुर्का पहनने वाली महिलाओं के चेहरों का मिलान उनके वोटर ID कार्ड से किया जाए ताकि फर्जी मतदान पर रोक लग सके। वहीं RJD नेता अभय कुशवाहा ने इस मामले को राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि हाल ही में सभी मतदाताओं को नए फोटोयुक्त पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं, इसलिए यह विवाद अनावश्यक है।
Bihar Assembly Election 2025 दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इन चुनावों में राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए मुकाबला होगा, जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी INDIA गठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है।
निष्कर्ष: Bihar Burqa Row बना चुनावी बहस का केंद्र
Bihar Burqa Row ने इस बार के Bihar Assembly Election में एक नया मोड़ जोड़ दिया है। जहाँ एक ओर आयोग Anganwadi workers election duty के ज़रिए महिलाओं की पहचान को गरिमापूर्ण तरीके से सुनिश्चित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल इसे चुनावी एजेंडे से जोड़कर देख रहे हैं। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि Election Commission Bihar burqa rule के इन नए प्रावधानों का असर मतदाता उपस्थिति और चुनाव की पारदर्शिता पर कितना पड़ता है।
Vandana is an award-winning investigative journalist renowned for her extensive fieldwork and deep expertise in Indian Assembly Elections. With over a decade of hands-on reporting experience, she has traveled to the grassroots of every Indian state, engaging directly with voters, local leaders, election officers, and political analysts.
Vandana holds a postgraduate degree in Political Science and a specialized diploma in Election Reporting and Data Journalism. Her field investigations are known for their accuracy, depth, and human-centric approach, making her one of the most trusted voices in India's electoral journalism landscape.
She has reported from remote tribal regions to urban constituencies, covering every phase of assembly elections — from voter list preparation and ticket distribution to booth-level campaigning and final results. Her investigative reports have not only been published in leading national platforms but have also contributed to informed public discourse and policy discussions.
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